Breaking News
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 2019 में एक मकान ध्वस्त करने के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मकान मालिक को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। यह मामला महाराजगंज जिले में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के दौरान बिना पूर्व सूचना दिए घर तोड़े जाने से जुड़ा है।

रातों-रात नहीं गिरा सकते मकान: सुप्रीम कोर्ट
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, “आप कानून का पालन किए बिना और बिना नोटिस दिए किसी का मकान रातों-रात नहीं गिरा सकते। इस प्रकार की कार्यवाही पूरी तरह से अवैध है।”

जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक महीने के भीतर आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए। न्यायालय ने कहा कि विध्वंस के मामले में नियमों का पालन किया जाना चाहिए और मनमानी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बदले की भावना से की गई कार्रवाई का आरोप
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केवल इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने सड़क निर्माण में अनियमितताओं को लेकर मीडिया में जानकारी दी थी। बिना किसी पूर्व सूचना के उनके मकान को ध्वस्त कर देना कानून का उल्लंघन है।

उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मामले को टालने की अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई को अवैध बताया, क्योंकि भूमि अधिग्रहण का कोई प्रमाण नहीं था और ध्वस्तीकरण के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

एनएचआरसी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि विध्वंस का दायरा कथित अतिक्रमण से कहीं अधिक था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मौजूदा सड़क की चौड़ाई की जानकारी होना आवश्यक है, और यदि कोई अतिक्रमण पाया जाता है तो संबंधित निवासियों को नोटिस देना चाहिए और उन्हें अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top