Breaking News
बदरीविशाल के अभिषेक एवं अखंड ज्योति के लिए तेल कलश प्रक्रिया आरम्भ
बदरीविशाल के अभिषेक एवं अखंड ज्योति के लिए तेल कलश प्रक्रिया आरम्भ
चारधाम यात्रा 2025- सुगम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, बुजुर्गो के साथ बच्चे भी करेंगे यात्रा
चारधाम यात्रा 2025- सुगम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, बुजुर्गो के साथ बच्चे भी करेंगे यात्रा
कोलकाता : लावारिस सूटकेस में मिला महिला का शव, दिखे शरीर पर चोट के निशान
कोलकाता : लावारिस सूटकेस में मिला महिला का शव, दिखे शरीर पर चोट के निशान
गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा
गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा
आईपीएल 2025– लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्‍ली कैपिटल्‍स के बीच मुकाबला आज 
आईपीएल 2025– लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्‍ली कैपिटल्‍स के बीच मुकाबला आज 
सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती ‘खोली का गणेश‘
सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती ‘खोली का गणेश‘
राज्य में हर नागरिक को गुणवत्तायुक्त, मानक स्तर की औषधियाँ समय पर उपलब्ध हों- डॉ. राजेश कुमार
राज्य में हर नागरिक को गुणवत्तायुक्त, मानक स्तर की औषधियाँ समय पर उपलब्ध हों- डॉ. राजेश कुमार
क्या आप भी लेते हैं ज्यादा स्ट्रेस, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान
क्या आप भी लेते हैं ज्यादा स्ट्रेस, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान
30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा

गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा

गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा

देहरादून : गर्मी अपना दम दिखाना शुरू कर चुकी है। गर्मी बढने के साथ साथ जंगलो में आग लगने का खतरा बढने लगा है। ये वनाग्नि सिर्फ जलवायु को ही नहीं बल्कि जंगली जीव जन्तुओ और वन संपंदा को भी प्रभावित करते है।

इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों और विभागीय सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक कर वनाग्नि प्रबंधन और चारधाम यात्रा की तैयारियों की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए कि वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में उपकरणों और संसाधनों की समुचित व्यवस्था की जाए, साथ ही स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और मोबाइल गश्ती टीमों के सहयोग से त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग और जिला प्रशासन को समन्वय बनाकर वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति अपनानी होगी। संवेदनशील क्षेत्रों में टीमें तैनात कर उनकी सतत मॉनिटरिंग की जाए। मोबाइल गश्ती दल सक्रिय किए जाएं और सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर हर छोटी-बड़ी सूचना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने आगामी चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह न केवल एक धार्मिक आस्था का विषय है, बल्कि इससे हजारों लोगों की आजीविका भी जुड़ी है। उन्होंने सभी विभागों और प्रशासनिक इकाइयों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, यात्री सुविधाएं, ट्रैफिक प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन शिकायतों के समाधान में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहनी चाहिए।

वनाग्नि से हो रहा है करोड़ों का नुकसान: गौरतलब है कि उत्तराखंड में हर साल सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं। 2023 में अकेले गर्मियों के मौसम में 1,000 से अधिक वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनसे करीब 1,800 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए थे। इससे न केवल वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास नष्ट हुआ, बल्कि कार्बन उत्सर्जन और ग्लोबल वॉर्मिंग पर भी गंभीर असर पड़ा

जनसहयोग से ही बनेगा समाधान: मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जनसहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने, सूचनाओं को तुरंत साझा करने और वन संपदा को बचाने के लिए स्थानीय समाज की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top