Breaking News
देवबंद-रुड़की नई रेल लाइन परियोजना को मिली सीआरएस से मंजूरी, स्पीड ट्रायल सफल
देवबंद-रुड़की नई रेल लाइन परियोजना को मिली सीआरएस से मंजूरी, स्पीड ट्रायल सफल
दो पहिया वाहन के लिए नियत करें पार्किंग का स्थान महाराज
दो पहिया वाहन के लिए नियत करें पार्किंग का स्थान महाराज
मिलेट्स, कीवी और ड्रैगन फ्रूट से चमकेगा किसानों का भविष्य
मिलेट्स, कीवी और ड्रैगन फ्रूट से चमकेगा किसानों का भविष्य
मुख्यमंत्री धामी ने किया छात्रसंघ समारोह का शुभारंभ, विश्वविद्यालय विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई
मुख्यमंत्री धामी ने किया छात्रसंघ समारोह का शुभारंभ, विश्वविद्यालय विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई
आज से अगले दो दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत, झोंकेदार हवा का ऑरेंज अलर्ट जारी 
आज से अगले दो दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत, झोंकेदार हवा का ऑरेंज अलर्ट जारी 
आईपीएल 2025 के 34वें मुकाबले में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स
आईपीएल 2025 के 34वें मुकाबले में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स
कर्ज में डूबी अपनी सरकारी एयरलाइन को बेचेगा पाकिस्तान, अगले हफ्ते शुरू होगी बिक्री प्रक्रिया 
कर्ज में डूबी अपनी सरकारी एयरलाइन को बेचेगा पाकिस्तान, अगले हफ्ते शुरू होगी बिक्री प्रक्रिया 
चारधाम यात्रा के लिए खोले जाएंगे ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 
चारधाम यात्रा के लिए खोले जाएंगे ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक

राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी – वन रिसर्च’ पर चल रहे शोध का दिया ब्यौरा

राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी – वन रिसर्च’ पर चल रहे शोध का दिया ब्यौरा

आयुर्वेद में भगंदर का सफल इलाज सम्भव

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने ‘वन यूनिवर्सिटी – वन रिसर्च’ पर चल रहे शोध की प्रगति के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘क्षार सूत्र प्रबंध से भगंदर का इलाज’’ विषय पर शोध प्रबंध किया जा रहा है। राज्यपाल द्वारा पूर्व में इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर राज्य हित में शोध करने के निर्देश दिए गए थे।

कुलपति ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय ने भगंदर रोग से ग्रसित 182 लोगों पर शोध और उनका उपचार किया। इस शोध का उद्देश्य भगंदर जैसे जटिल रोग का प्रभावी और स्थायी समाधान प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि शोध में इस रोग का मुख्य कारण गलत दिनचर्या, अनुचित खानपान और लगातार कब्ज रहना प्रमुख हैं।

इस रोग से 24 से 54 वर्ष आयु के लोग ज्यादा पीड़ित हैं और यह समस्या पुरुषों में अधिक देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में इस रोग का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है और इसमें रोग के दोबारा होने की संभावना बेहद कम है। उन्होंने बताया कि शोध के दौरान क्षार सूत्र द्वारा सभी रोगियों का उपचार किया गया।राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास आयुर्वेद के प्रति लोगों के विश्वास को और अधिक सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के वैज्ञानिक आधार को मजबूत करने और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए इस प्रकार के शोध अत्यंत आवश्यक हैं।

राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में इस शोध के अंतिम निष्कर्षों को उत्तराखण्ड सरकार और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इसे व्यापक रूप से अपनाया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि यह पहल न केवल आयुर्वेद को नई पहचान दिलाएगी, बल्कि रोगियों को प्रभावी, सुरक्षित और स्थायी उपचार प्रदान करने में भी सहायक होगी।

उन्होंने शोध टीम की मेहनत और समर्पण के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शल्य तन्त्र प्रमुख डॉ. अजय कुमार गुप्ता, डॉ. पंकज बच्चस उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top